Shighrapatan Ki Ayurvedic Dawa
शीघ्रपतन की आयुर्वेदिक दवा
शीघ्रपतन किसे कहते हैं?
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संभोग काल के दौरान यदि पुरूष, स्त्री के संतुष्ट होने के पूर्व ही शीघ्र स्खलित हो जाये, तो उसे शीघ्रपतन कहते हैं। दूसरी स्थिति में यदि पुरूष, स्त्री के साथ संभोग करे और स्त्री के नग्न संवेदनशील अंगों को देखकर कामुकता के वशीभुत होकर मात्र स्पर्श से ही या फिर लिंग प्रविष्ट के बाद मात्र एक-दो मिनट बाद ही स्खलित हो जाये, तो उस स्थिति में शीघ्रपतन होना कहा जायेगा।
शीघ्रपतन की घरेलू आयुर्वेदिक चिकित्सा
1. कौंच की कच्ची फलियों को पीसकर दूध के साथ लेने से पूर्व स्खलन का रोग दूर हो जाता है।
2. इमली के बीजों को 4-5 दिन पानी में भिगायें। फिर छिलका उतार कर गुड़ मिलाकर चने के बराबर गोलियां बनाकर प्रयोग करें। पूर्व स्खलन में प्रभावी है। 40 दिन तक प्रयोग करें।
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3. नागबला और कौंच के बीज अत्यंत शुक्रल है। अतः वीर्य वृद्धि करते हैं।
4. मूसली के चूर्ण को घी के साथ मिलाकर लेप करने से कामध्वज पैदा होती है और संभोग में वीर्य भी देरी से स्खलित होता है।
5. असगंध का महीन चूर्ण सेवन किया जाये तो इससे साधारण नपुंसकता ठीक हो जाती है, साथ ही पुरूष, संभोग में स्त्री को थका देता है और शीघ्र स्खलित की समस्या नहीं होती।
6. यदि तुलसी के बीज प्रयोग किये जायें, तो इससे वीर्य गाढ़ा होकर पूर्व स्खलन का नाश होता है।
7. ढाक के गोंद को खूब बारीक पीसकर रख लें। प्रतिदिन 5 से 10 ग्राम तक गाय के ताजा दूध के साथ मिश्री मिलाकर प्रयोग करें। पूर्व स्खलन
का नाश होता है।
8. बहुफली चूर्ण 3 ग्राम दूध से सुबह-शाम 8 दिन खाने से कमजोरी दूर हो जाती है।
Shighrapatan Ki Ayurvedic Dawa
9. जिनका वीर्य मामूली सी उत्तेजना से निकल जाता हो उनको 4 ग्राम जामुन की गुठलियों का चूर्ण प्रतिदिन गर्म दूध के साथ खाना चाहिए। इससे वीर्य बढ़ता भी है।
10. जिन लोगों का मूत्राशय कमजोर हो और रात को बुरे स्वप्न या बिना स्वप्न के वीर्यपात हो जाता हो, तो उन्हें जामुन की गुठली का चूर्ण 3-3 ग्राम प्रात-सायं पानी के साथ दें।
11. पीपल की छाल को पानी में पीसकर लिंग पर लगायें। जब शुष्क हो जाये तो साफ करके संभोगरत हों तो अत्यधिक स्तम्भन होगा।
12. बिदारीकन्द 100 ग्राम को पीस-छानकर समभाग खांड मिलायें। सुबह-शाम 100-100 ग्राम दूध के साथ लें। यह योग पौरूष शक्ति को बढ़ाता है।
13. असगंध नागौरी, बिधारा और शतावर तीनों समभाग कूट छान लें। इस चूर्ण में समान भाग खांड(बूरा) मिला लें। प्रातः 6 ग्राम दूध के साथ लें। 2-3 सप्ताह के प्रयोग से वीर्य प्रमेह और जल्दी स्खलित होने की समस्या छू मंतर हो जाती है। साथ ही अन्य कष्ट भी दूर हो जाते हैं।
14. देसी आम का बोर और खांड मिला लें। 21 दिन तक दूध के साथ प्रयोग करने से अत्यधिक मर्दाना ताकत पैदा होती है। औषधि प्रयोगकाल में संभोग से परहेज करें।
15. आम के बोर का चूर्ण बनाकर समभाग में सफेद शक्कर मिलाकर 10-10 ग्राम सुबह-शाम फांक लिया करें। वीर्य को गाढ़ा करके स्वस्थ और मजबूत बनाता है।
16. आम के वृक्ष के बोर का चूर्ण आवश्कतानुसार प्रतिदिन प्रातः रोगी को शक्कर के साथ दें, शीघ्र स्खलित की समस्या के साथ-साथ अन्य सभी सेक्स समस्यायें भी दूर हो जाती हैं।
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