Shighrapatan Ka Gharelu Upchar
शीघ्रपतन का घरेलू उपचार
शीघ्रपतन: (Premature Ejaculation)
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सम्भोग के समय शिश्न, योनि में प्रविष्ट करने से पहले या प्रविष्ट करते ही इस रोग में तुरन्त वीर्य निकल जाता है। स्पष्ट है कि मैथुन व स्तम्भन शक्ति विभिन्न व्यक्तियों में स्वभाव अनुसार विभिन्न अवधि की हुआ करती है। प्राकृतिक स्तम्भन शक्ति 2 से 5 मिनट तक है। दो मिनट से कम स्तम्भन शक्ति रखने वाला मनुष्य शीघ्रपतन का रोगी कहा जा सकता है।
शीघ्रपतन के कारण-
मैथुन इच्छा की अधिकता, हस्तमैथुन, वीर्यप्रमेह, वीर्य की अधिकता, बच्चाबाजी, अधिक मैथुन करना, वीर्य की गर्मी, आनन्द प्राप्त करने के लिए तिलाओं का अधिक प्रयोग, दिल-दिमाग और यकृत की कमजोरी, वीर्य पतला हो जाना, मूत्राशय में रेत, पेट के कीड़े, स्त्री के गुप्तांग का तंग और शुष्क होना, सुपारी पर मैल जम जाना, सुपारी की बवासीर, सुजाक, मूत्रमार्ग की खराश, प्राॅस्टेट ग्लैण्ड की शोथ आदि।
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देसी व घरेलू उपचार-
1. शुद्ध भांग 24 ग्राम को एक ढीली पोटली में बांध कर एक किलो गाय के दूध में डालकर पकायें। यहां तक कि खोय तैयार हो जाये। फिर पोटली निकाल कर फेंक दें और शुद्ध घी 100 ग्राम में इस खोये को भूनें। फिर आधा किलो खांड मिलायें और मीठे बादामों की गिरी बिना छिल्का, शुष्क नारियल की गिरी छिली हुई, हरी किशमिश, चिलगोजा की गिरी प्रत्येक 30 ग्राम पीसकर मिलायें, फिर अच्छी तरह से भून लें। आखिर में आग से उतार कर निम्नलिखित दवाओं के चूर्ण मिलाकर रख लें- कौंच के बीज की गिरी, इमली के बीजों की गिरी, छोटा गोखरू, सफेद मूसली, काली मूसली, असगंध नागौरी, सालब मिश्री प्रत्येक 12 ग्राम, लाल बहमन, सफेद बहमन, सोंठ, छोटी इलायची के बीज प्रत्येक 3 ग्राम। सबका मैदा की भांति चूर्ण बनायें। 30 ग्राम यह पाक सुबह के समय बिना कुछ खाये 250 मि.ग्रा. गाय के दूध के साथ लें।
लाभ- यह पाक शीघ्र वीर्यपात, मर्दाना कमजोरी और वीर्य पतला हो जाने के लिए रामबाण उपाय है।
2. छोटा गोखरू 30 ग्राम(जिसको ताजा गोखरू के रस में दो बार गीला और शुष्क कर लिया गया हो), तालमखाना के बीज 30 ग्राम(जिनको बढ़ वृक्ष के दूध में तर और शुष्क कर लिया गया हो), सुपारी के फूल 30 ग्राम(जिनको बढ़ वृक्ष के दूध में तर और शुष्क कर लिया गया हो), कौंच के बीजों की गिरी 30 ग्राम(जिनको लोहे के तवे पर थोड़ा-सा भून लिया गया हो), बबूल की कच्ची फलियां 60 ग्राम(जिनको बढ़ वृक्ष की दाढ़ी के क्वाथ में तीन बार तर और शुष्क कर लिया गया हो), सफेद मूसली 60 ग्राम, त्रिधातु भस्म, मुर्गी के अण्डे के छिल्के की भस्म प्रत्येक 12 ग्राम- सब दवाओं का विधि अनुसार चूर्ण तैयार करके समभाग चीनी मिलाकर रख लें। 6 से 9 ग्राम यह चूर्ण प्रातः समय गाय के ताजा दूध के साथ खायें।
लाभ- रोग इसके प्रयोग से पूरी तरह समाप्त हो जाता है और प्राकृतिक रूप से स्तम्भन और मैथुन आनंद शक्ति उत्पन्न होती है। इसके अतिरिक्त वीर्य प्रमेह के लिए भी इसका प्रयोग बहुत लाभप्रद है।
3. शुद्ध भांग 12 ग्राम, जायफल, बबूल की गोंद भुनी हुई, कुन्दर, चुनिया गोंद, मस्तगी प्रत्येक 3 ग्राम, इमली के बीजों की गिरी, जामुन की गुठली की गिरी प्रत्येक 6 ग्राम, विशुद्ध केसर डेढ़ ग्राम लें। सबको विशुद्ध गुलाब जल में खरल करके चने के बराबर गोलियां बना लें। 2 से 3 गोलियां रात को सोते समय खायें।
लाभ- स्तम्भन तथा मैथुन आनंद शक्ति उत्पन्न करने के लिए अति उत्तम दवा है। इसके प्रयोग से तुरन्त वीर्यपात दूर हो जाता है।
4. हरे माजूफल, सिम्भल की जड़, सफेद मूसली, काली मूसली, मस्तगी, छोटा गोखरू, कमरकस, सुपारी के फूल, धाय के फूल, पिस्ता के फूल, भुनी हुई बबूल की गोंद, असली वंशलोचन, लाल बहमन, सफेद बहमन, तालमखाना के बीज, खसखस डोडा, कौंच के बीजों की गिरी भुनी हुई, छोटी इलायची बिना छिल्का, काले बीजबंद, चिकनी सुपारी, भोफली बूटी, इमली के बीजों की गिरी प्रत्येक 12 ग्राम, सालब मिश्री, शतावरी प्रत्येक 25 ग्राम लें। सबका चूर्ण तैयार करें। फिर 750 ग्राम खांड और विशुद्ध मधु 250 ग्राम की चाश्नी बनाकर उपरोक्त चूर्ण में मिलाकर एक पाक तैयार कर लें। 12 ग्राम सुबह-शाम यह दवा गाय के दूध के साथ खायें।
Shighrapatan Ka Gharelu Upchar
लाभ- तुरन्त वीर्यपात, वीर्य का पतलापन, नपुंसकता और वीर्य प्रमेह के लिए यह पाक बहुत असरकारी है।
5. एक साबुत शुष्क नारियल लेकर उसके ऊपर का काला छिल्का साफ करें। फिर उसमें इस प्रकार छेद करें कि छेद का स्थान का पूरा टुकड़ा निकल आये, ताकि उससे छेद दोबारा बंद हो सके। अब इस नारियल में फूल वाली लौंग, जायफल, जावित्री, विशुद्ध केसर, दालचीनी, पान की जड़, मीठी निर्बसी, तालमखाना के बीज, उटगन के बीज, सफेद मूसली, काली मूसली, असली मस्तगी, सालब मिश्री, सुपारी के फूल, शुद्ध शिंगरफ प्रत्येक 6 ग्राम, विशुद्ध अफीम, छोटी इलायची के बीज प्रत्येक 9 ग्राम। सब दवाओं को कूट-छानकर नारियल में भर दें। शेष खाली स्थान को बढ़ के दूध से भर दें। अब नारियल के छेद को उस टुकड़े से बंद करके गेहूं के गूंधे आटे की मोटी तह लपेट कर उपलों की गर्म राख में इतना पकायें कि आटा लाल हो जाये। आटा अलग करके नारियल समेत दवाओं को इतना खरल करें कि दवा घुटकर गोलियां बनाने योग्य हो जाये।
इस दवा की चने के बराबर गोलियां बना लें। 1 से 2 गोली सुबह-शाम गाय के दूध के साथ लें। यह अनुभूत दवा है।
लाभ- शीघ्रस्खलन और मर्दाना शक्ति के लिए रामबाण है। 40 दिन के प्रयोग से जबरदस्त मर्दाना स्तम्भन शक्ति उत्पन्न हो जाती है।
6. शिंगरफ रूमी, जायफल, अकरकरा, अफीम, शहद, सब दवायें समभाग लेकर मूंग के बराबर गोलियां बना लें। सम्भोग से डेढ़ घंटे पहले एक गोली 250 मि.ली. गाय के दूध के साथ लें। ये गोलियां शीघ्रस्खलन को दूर करके मैथुन में आनन्द उत्पन्न करती हैं।
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