Shighrapatan Ka Desi Ilaj
शीघ्रपतन का देसी इलाज
शीघ्रपतन-
Shighrapatan Ka Desi Ilaj, Shighrapatan Ki Medicine, Shighrapatan Ki Dawa
संभोग के समय स्त्री को संतुष्ट किये बिना ही शीघ्रता से वीर्य का स्खलित होना वीर्य निकल जाना और शीघ्रपतन कहलाता है।
मुख्य कारण-
वीर्य देर तक रोकने की क्षमता में कमी आने के अनेक कारण हैं। जैसे- अति हस्तमैथुन, अधिक मैथुन करना, पाचन संस्थान के रोग, शरीर में पोषक तत्वों का अभाव, स्वप्नदोष होना, जननेन्द्रिय विकार, सुजाक, मदिरापान करना, अफीम, भांग, चरस आदि नशीले पदार्थों का अधिक सेवन करना आदि।
मुख्य लक्षण-
संभोग करते समय रोगी शीघ्र ही स्खलित हो जाता है। यदि समय पर चिकित्सा नहीं की जाये, तो धीरे-धीरे स्थिति बिगड़ती चली जाती है, जिसके कारण रोगी संभोग से भी पहले, फिर आलिंगन मात्र से और अंत में स्त्री या संभोग का ध्यान आते ही स्खलित हो जाता है। धारण क्षमता नष्ट हो जाती है।
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रोगी का आहार-
अरहर, उड़द, गेहूं, जौ, छिले आलू, गोभी, शकरकन्दी, पेठा, भिण्डी, केला, लौकी, जिमीकन्द, चैलाई, दूध, दही, घी, मिश्री, दूध मलाई, सेब, अनार, पालक, मोदक, घी-गुड़ा, लुचई आदि पौष्टिक पदार्थ।
पथ्य-
अधिक खटाई, तेल, लाल मिर्च, व्रतोपवास, अधिक श्रम व मैथुन, मानसिक तनाव, दिन में सोना, व्यभिचार, शोक-भय, अति सर्दी या गर्मी, बासी भोजन, अपने से अधिक आयु की स्त्री के साथ संभोग करना, अप्राकृतिक मैथुन आदि से भी दूर रहना चाहिए।
आयुर्वेदिक औषधियां-
1. बंग भस्म 120 से 40 मि.ग्रा. मिश्री वाले मक्खन के साथ रोजाना 2 बार दें।
2. मकरध्वज 120 मि.ग्रा. कौंच के बीजों का चूर्ण या असगंध चूर्ण 1 ग्राम शहद या सेमल की जड़ के रस के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करें, अति शीघ्र लाभ होता है, शीघ्र वीर्यपात के रोग में।
3. पूर्ण चन्द्रोदय रस चैथाई से आधा ग्राम प्रति मात्रा पान में रखकर प्रतिदिन 2 मात्रायें सेवन करें।
4. सुवर्ण वंग(सुवर्ण राज बंगेश्वर) 125 से 250 मि.ग्रा. मक्खन या मलाई के साथ सुबह-शाम दें।
5. रसमाणिक्य(माणिक्य रस)- राजयक्ष्माधिरोक्त 60 मि.ग्रा. मलाई या मक्खन के साथ सुबह-शाम सेवन करने से वीर्य का स्तम्भन होता है तथा शारीरिक दुर्बलता दूर होती है।
6. शुक्रवल्लभ रस 2 से 4 गोलियां मिश्री मिले शुष्म दूध के साथ हर रोज सुबह-शाम सेवन करने से इस रोग में आशातीत लाभ होता है।
7. जातिफलादि बटी(स्तम्भक) रात को सोने से पहले 1 गोली खाकर शुष्म दूध मिश्री मिला हुआ पीने से आशातीत लाभ होता है।
8. कामेश्वर मोदक 1 से 3 ग्राम सुबह के समय गाय के दूध के साथ सेवन करने से वीर्य की वृद्धि होती है और स्तम्भन क्षमता बढ़ जाती है।
शीघ्रपतन के लिए देसी योग-
1. छोटी माई का चूर्ण 2 से 4 ग्राम सुबह-शाम सेवन करने से तुरन्त वीर्यपतन की समस्या दूर हो जाती है।
2. बरगद के दूध की 20 से 30 बूंद प्रति मात्रा प्रतिदिन सवेरे खाली पेट बताशे में डालकर सेवन करने से शीघ्र वीर्यपात की समस्या दूर हो जाती है।
3. सिरिस के पुष्पों का रस 10 से 20 मि.ली. प्रतिदिन सुबह-शाम मिश्री मिले दूध में मिलाकर लें, लाभ होगा।
4. पीपल(अश्वत्थ) वृक्ष के फल, मूल, छाल तथा कोपलों आदि पीसकर दूध में अच्छी प्रकार उबाल कर शुष्म-शुष्म प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से लाभ होता है।
Shighrapatan Ka Desi Ilaj
5. बबूल की फलियों का चूर्ण 3 से 6 ग्राम सुबह-शाम समभाग मिश्री के साथ सेवन करने से इस रोग में में लाभ होता है।
6. पिण्ड खजूर 5 नग प्रतिदिन खाकर मिश्री मिला शुष्म दूध 250 मि.ली. पीने से शीघ्र वीर्यपात में लाभ होता है।
7. गोंद कतीरा चूर्ण 1 से 2 चम्मच प्रतिदिन रात को सोते समय पानी में भीगो दें। सवेरे मिश्री मिलाकर पी लिया करें।
8. असगंध नागौरी चूर्ण प्रतिदिन सुबह-शाम मिश्री मिले दूध 250 मि.ली. के साथ सुबह-शाम सेवन करने से आशातीत लाभ होता है।
9. समुद्र शोष के बीज 3 से 6 ग्राम प्रति मात्रा जल में डालकर, लुआबदार हो जाने पर मिश्री के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम पियें। शीघ्रस्खलन में लाभप्रद है।
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