Gharelu Nuskhon Se Karen Shighrapatan Dur
घरेलू नुस्खों से करें शीघ्रपतन दूर
शीघ्रपतन :
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सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि शीघ्रपतन कोई बीमारी या रोग नहीं है। यह तो एक प्रकार की प्राकृतिक प्रक्रिया है, जोकि व्यक्ति की मानसिक आदत से जुड़ी होती है।
इस रोग की स्थिति में संभोग के दौरान बिना स्त्री को संतुष्ट किए ही, पुरूष स्खलित हो जाता है और इसी अवस्था को शीघ्रपतन कहते हैं।
आज के आधुनिक दौर में लोगों का रहन-सहन, खान-पान और आचार-विचार काफी परिवर्तित हो चुका है। आजकल फिल्मों और इंटरनेट पर कई सारी उत्तेजक सामग्री देखना साधारण सी बात है। यही सब देख-देखकर व्यक्ति की मनोदशा कामुक बन जाती है और उन्हें इसमें काफी आनंद प्राप्त होने लगता है।
ऐसे में यह उत्तेजना इतनी अधिक मात्रा में बढ़ जाती है कि व्यक्ति स्वप्नदोष या शीघ्रपतन का शिकार हो जाता है। इसका स्पष्ट व दुष्प्रभाव व्यक्ति के वैवाहिक जीवन भी पड़ता है।
जब हम संभोग करते हैं और वीर्य को स्खलित होने से रोके रखते हैं, तो इस स्थिति या क्षमता को स्तम्भन शक्ति कहते हैं। स्तम्भन शक्ति हर व्यक्ति में भिन्न होती है। किसी में ज्यादा हो सकती है तो किसी में बहुत कम।
स्तम्भन शक्ति संभोग में स्त्री को संतुष्ट करने में बहुत काम आती है, क्योंकि स्तम्भन शक्ति से आप अपने वीर्य को रोकने में सफल हो पाते हैं और स्त्री को संतुष्ट होने का पूरा समय मिल जाता है।
तीन परिस्थियों में शीघ्रपतन का होना साबित हो जाता है…
पहली परिस्थिति: संभोग से पूर्व फोरप्ले के दौरान ही स्खलित हो जाना।
दूसरी परिस्थिति: फोरप्ले के बाद यौन क्रिया आरम्भ करते ही स्खलन हो जाना।
तीसरी परिस्थिति: कई व्यक्ति तो ऐसे भी होते हैं, जो केवल कामुक बातों व दृश्यों से ही स्खलित हो जाते हैं।
उपरोक्त तीनों परिस्थितियों में ये साबित होता है कि जिन पुरूषों के साथ ये सब होता है, वे शीघ्रपतन के शिकार हैं, अन्यथा नहीं।
कारण :
1. मानिसक आदत मुख्य वजह होती है शीघ्रपतन की समस्या में। अगर कोई ऐसा व्यक्ति जिसके अंदर कामुकता अधिक हो। केवल स्त्री को देखने या उसके बारे में चिंतन करने से ही सेक्स करने की इच्छा जागृत होने लगती हो और बार-बार उत्तेजना आती हो, तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति का खुद पर संयम और नियंत्रण रख पाना मुश्किल हो जाता है और व्यक्ति हस्तमैथुन करना शुरू कर देता है और फिर यही आदत संभोग काल में तुरन्त वीर्यपात का कारण बन जाती है।
2. कामुक दृश्यों या किसी सुंदर स्त्री के यौनांग के बारे में सोचने से पुरूष के अंडकोषों में वीर्य भरने लगता। जिसकी अधिक इतनी हो जाती है, कि संभोग के दौरान हल्की सी उत्तेजना आते ही वीर्यपात हो जाता है। अगर उत्तेजक विचार मन में नहीं होंगे तो शुक्राशय वीर्य से नहीं भरेगा। ऐसी स्थिति फिर न तो सोते समय वीर्यपात होगा और न ही जागते हुए। केवल संभोग के दौरान ही उत्तेजना होगी शुक्राशय भरने में समय लगेगा। इस वजह से संभोग से पूर्व फोरप्ले का आनंद भी उठा पायेंगे और इससे स्तम्भन शक्ति भी बढ़ेगी।
3. इस समस्या में अन्य कारण ये भी हो सकते है जैसे- पौष्टिक आहार की कमी, अधिक मसालेदार आहार का सेवन, अधिक शराब का सवेन, खटाई , फास्ट फूड। इन सबसे व्यक्ति के वीर्य को बहुत हानि पहुंचती है और वीर्य की समस्या उत्पन्न होने से व्यक्ति तुरन्त वीर्यपात का शिकार हो जाता है।
4. ऐसी स्थिति में भी यह रोग हो जाता है, जब आप संभोग के दौरान चिंता में, डर में हो कि कोई आ न जाये या देख ना ले या फिर कोई गहरा मानसिक दुख हो, किसी अपने खास को खोने का दुख या भय हो, ऐसी कई परिस्थितियों में तुरन्त वीर्यपात
हो जाता है।
5. संभोग के दौरान अगर आपका पार्टनर अरूचि दिखाये, तो इस वजह से भी पुरूष जल्दबाजी में या हड़बड़ाहट में झुंझलाते हुए शीघ्रस्खलन के शिकार हो जाते हैं।
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घरेलू उपाय :
1. आधी कटोरी धुली हुई उड़द की दाल और आधा कटोरी पुराने चावल मिलाकर खिचड़ी बना लें। देसी घी के साथ इस तैयार खिचड़ी को अच्छे से चबा-चबा कर सुबह या फिर शाम को खायें। ऊपर से एक गिलास गर्म मीठा दूध पिएं। ऐसा एक महीने तक करें।
2. 100 ग्राम कोंच के शुध्द बीज महीन पीस लें। इसे 250 ग्राम मैदा में मिलाकर पानी से गूंथ ले। इसके जामुन के आकार के गोले बना कर देसी घी में तल लें। इन्हें शक्कर की चाशनी बनाकर उसमे डुबोकर निकाल लें। किसी बर्तन में रखें अब इतना शहद डालें, कि सब गोले शहद में डूब जाएं।
इसमें से एक गोला सुबह और एक शाम को खाली पेट अच्छे से चबा चबा कर खाएं और एक गिलास गुनगुना मीठा दूध पी लें। इसको खाने के बाद एक घंटे तक कुछ भी ना खाएं। आवश्यकता के हिसाब से 6 -7 दिन चल जाये इतने बना लें। खत्म होने पर फिर से बना लें। इसे एक महीने तक सेवन करें, लाभ होगा।
3. शतावर, अश्वगंधा और गोखरू तीनों 100 -100 ग्राम लेकर बारीक पीस कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में से एक चम्मच लेकर शहद में मिलाकर खा लें। ऊपर से एक गिलास ठण्डा मीठा दूध पी लें। इसे सुबह खाली पेट लें। रात को खाना खाने के दो घंटे बाद लें। तेल ,खटाई कम मात्रा में ही लें या नहीं लें।
4. बबूल की बिना बीज वाली कच्ची फली, बबूल के पत्ते, बबूल का गोंद तीनों को समान मात्रा में लेकर छाया में सुखा लें। तीनो को बारीक पीस कर पाउडर बना लें। ये पाउडर एक चम्मच और एक चम्म्च पिसी मिश्री मिलाकर फांक ले ऊपर से गरम मीठा दूध पी लें। ये पाउडर व चूर्ण दो महीने रोजाना प्रातःकाल लेने से शीघ्रस्खलन की समस्या दूर हो जाती है।
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5. आधा चम्मच बारीक कबाबचीनी का चूर्ण सुबह व शाम को एक सप्ताह तक पानी के साथ सेवन करें, ये शीघ्रस्खलन समस्या में काफी आराम पहुंचाता है।
6. सेक्स के समय गहरी व लंबी सांसें लेने से कामेच्छा में थोड़ी कमी आने लगती है और यही आपका प्लस प्वाईंट हो सकता है। यानी सहवास शीघ्र वीर्यपात के रोगी लंबी और गहरी सांस लेकर अपनी सेक्स टाइमिंग को बढ़ा सकते हैं। इसके अतिरिक्त बांये नथुने से ज्यादा सांस आ रही हो, तब स्तम्भन शक्ति अधिक होती है। इस स्थिति में संभोग में समय अधिक लगता है और आनंद भी भरपूर प्राप्त होता है।
7. सुबह-शाम एक चम्मच जामुन की गुठली का चूर्ण गर्म दूध के साथ सेवन करने से शीघ्र वीर्यपात की समस्या ठीक हो जाती है।
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